प्रयागराज में ही किसी स्थान पर सघन दास जी अपने आसन पर बैठे नारदीय भजन सुना रहे थे। वहां के रहने वाले भी आकर भजन सुनने और गाने लगे। किंतु एक लड़के को चुपचाप बैठा हुआ देखकर सघन दास जी ने पूछा कि ये लड़का भजन क्यों नहीं गा रहा है। तो वहां पर बैठे लोगों ने बताया कि यह लड़का जन्म से गूंगा और बहरा है। तब उस लड़के को सघन दास जी ने अपने पास बुलाकर उसके मुंह पर हाथ रख कर कहा कि बेटा तुम भी भजन गाया करो। उसी समय वह लड़का सुनने और बोलने लगा, लोगों के साथ वह भी भजन गाने लगा। यह देख सभी आश्चर्य करने लगे। तब सघन दास जी ने कहा कि आश्चर्य ना करो ईश्वर की इच्छा मात्र से क्षण भर में जो सभी कार्य हो जाते हैं। यह कार्य कौन सा मुश्किल था। ईश्वर ने चाहा वह कर दिया। इसका मुझसे कोई वास्ता नहीं है।
|
Thursday, April 4, 2019
कीर्ति गाथा 83
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment