卍 ॐ जगजीवन नमो नमः श्री जगजीवन नमो नमः। जय जगजीवन नमो नमः जय जय जग जीवन नमो नमः।। 卍

Monday, April 1, 2019

कीर्ति गाथा 54


          एक बार नवाब मंसूर अली खान ने शिकार खेलने के लिए घाघरा नदी के किनारे सरदहा गांव में डेरा डाला उसके साथ आया हुआ लश्कर( सेना) प्रतिदिन तरह-तरह का शिकार करता ,एक  दिन उन लोगों ने अभरन कुंड में जाल डाल कर मछलियां पकड़ ली इसकी सूचना जब समर्थसाई जगजीवन दास जी को हुई तो उन्होंने कहा  इन  मछलियों को जो कोई भी खाएगा वह मर जाएगा यह सुनकर बहुत से लोग डर गए और मछलियों को वापस जल में छोड़ दिया परंतु कुछ दुष्ट लोगों ने विश्वास नहीं किया और डेरे में आकर मछलियां पका कर खा ली जिसने भी उन मछलियों को खाया वह गिरा और मर गया या देख लश्कर में कोहराम मच गया इसकी खबर जब नवाब को हुई कि  उन लोगों ने स्वामी जगजीवन दास जी  के अभरन कुंड से मछलियां पकड़ी थी और उनके आदेश की अवहेलना कर मछलियों का शिकार कर उन्हें खाया था उन्हीं लोगों की मौत  हुई है तब नवाब ने समर्थ साईं जगजीवन दास जी के पास आकर क्षमा याचना की और लश्कर के साथ वापस चले गए। 
   

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